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This is a very brief about Arya-Samaj:
Ārya Samāj.
A Hindu reform movement founded by Swami Dayānanda Sarasvatī, in 1875.
The followers of Arya-Samaj are against idol-worship and against meaningless rituals in modern Hinduism, and aim to return to the Vedas in their beliefs and ritual.
Om is omnipresent and omniscient.
Followers of Ārya Samāj do not tolerate caste divisions in Hindu society.
The followers of Ārya Samāj do invaluable work to remove social and religious injustices.
It is now a worldwide organization.
“Arya Samaj” known as group of the noble people.
Arya Samaj Promotes and believe 4 vedas.
1, Rg-Veda
2. Yajur-Veda
3. Sam-Veda
4. Atharv-Veda
आर्य समाज एक परिचय
आर्य समाज कोई धर्म नहीं
1. सनातन वैदिक संस्कृति का पहरेदार और भारत के अस्तित्व का रक्षक है
2.आर्य समाज 88 से ज्यादा देशों में फैला हुआ है ।
3. जनसंख्या प्रतिशत के हिसाब से सबसे ज्यादा आर्य समाज मॉरीशस देश के बाद भारत का दूसरा स्थान है।
4. भारत सरकार के बाद देश में सबसे ज्यादा शिक्षण स्थान आर्य समाज द्वारा चलाये जाते हैं ।
5. भारत में सबसे ज्यादा निशुल्क गुरुकुल जहाँ वैदिक सनातन शिक्षा मिलती है आर्य समाज चलाता है ।
6. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मिशन की शुरुवात आर्य समाज द्वारा 19वी शताब्दी में स्वामी दयानंद द्वारा शुरू की गयी थी उन्ही की बदौलत उस समय सती प्रथा समाप्त हुई विधवा विवाह शुरू हुए ।
7. स्त्री शिक्षा का सबसे पहला विद्यालय आर्य समाज द्वारा देश में जालंधर में खोला गया था । जो आज कन्या महाविद्यालय के नाम से प्रसिद्ध है ।
8. देश में सबसे ज्यादा शहीद होने वाले क्रांतिकार आर्य समाज की ही देन है राम प्रसाद बिस्मिल, चन्द्र शेखर आजाद, लाला लाजपतराय, सुखदेव थापर, राजगुरु, रोशन सिंह आदि सब पक्के आर्य समाजी थे
9. कांग्रेस के भूतपूर्व अध्यक्ष सीता पट्टरामिया जी द्वारा देश में बलिदान होने वाले 85% क्रांतिकारी आर्य समाज की देन हैं ।
10. भगत सिंह जी के दादा जी कट्टर आर्य समाजी थे और वही विचार उनके चाचा और पिता जी में आये और उसी विचारों से भगत सिंह जी आज़ादी की लड़ाई में कूद पड़ें ।
11. आज देश में सबसे ज्यादा सनातन धर्म में वापिसी आर्य समाज द्वारा करवाई जाती है ।
12. 13 अप्रैल 1919 जलियावाला बाग़ की घटना में जब हज़ारो देश भक्तों के ऊपर गोलियां चलाई गई तो देश का हौंसला टूट गया । किसी में दोबारा वहां सभा करने की हिम्मत नहीं हुई तो आर्य समाज के महान सन्यासी स्वामी श्रद्धानंद जी ने दोबारा आर्यों और देश भक्त्तों की सभा कई गुना बड़ी करके दोबारा होंसला जगाया ।
13. देश में फैले पाखण्ड के खिलाफ सबसे ज्यादा जागरूक अभियान आर्य समाज चलाता है ।
14. दलितोंउद्धार सबसे पहले आर्य समाज द्वारा हुआ । शंकराचार्य का विरोध करके दलितों को पूजा पाठ हवन यज्ञ में साथ बैठाना और उन्हें पुरोहित की उपाधि आर्य समाज की ही देन हैं ।
15. देश में सबसे ज्यादा प्रति वर्ष वैदिक पुरोहित आर्य समाज के संस्थानों से निकलते हैं ।
16. आर्य समाज द्वारा ही सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण की सफाई हवन यज्ञ द्वारा की जाती है ।
17. देश में आज अगर वेद मिलते है तो ये आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद जी की देन हैं ।
18. देश में कोई भी प्राकृतिक दुर्घटना के समय सहायता में सबसे आगे आर्य समाज होता है । भले गुजरात भूकम्प, केदारनाथ में बाढ़, नेपाल में भूकम्प हो सबसे आगे आर्मी के बाद आर्य समाज
19. देश में सबसे पहले शुद्धि आंदोलन आर्य समाज द्वारा चलाया गया । अकेले स्वामी श्रद्धानंद जी द्वारा 6 लाख लोगों को वापिस सनातन धर्म से जोड़ा गया ।
और भी बहुत कुछ है पहले जानते है आर्य समाज क्या हैं
आर्य समाज कोई धर्म या संप्रदाय नहीं हैं ना ही कोई जाति ।
आर्य समाज सत सनातन वैदिक धर्म का रक्षक हैं ।
शुद्ध भारतीय संस्कृति का रक्षक ।
आर्य समाज श्री राम जी और श्री कृष्ण जी के बताये रास्ते पर चलने का निर्देश देता है ।
आर्य समाज के नियम जन कल्याण के ऊपर हैं
आर्य समाज ईश्वरीय वाणी वेदों के बताये रास्ते पर चलता हैं
1. The primeval cause of all genuine knowledge and all that is known by means of knowledge is God.
2. God is Truth-consciousness – Bliss personified, Formless, Omnipotent, Just, Merciful, Unborn, Infinite, Unchangeable, Beginningless, Incomparable, Support of all, Lord of all, Omnipresent, Internal, regulator of all, Undecaying, Immortal, Fearless, Eternal, Holy, and creator of the Universe. He alone deserves worship.
3. The Vedas are repositories of all of true knowledge. It is the paramount duty of all Aryas to study and teach and to propound the Veda.
4. We should be ever ready to imbibe truth and forsake untruth.
5. All acts should be done in accordance with Dharma, i.e. after deliberating upon what is truth and untruth.
6. The prime object of Arya Samaj is to do good to the whole world, i.e. to achieve physical, spiritual and social prosperity for all.
7. Our conduct towards all should be guided by love, by injunctions of Dharma and according to their respective positions.
8. One should dispel ignorance and promote knowledge.
9. One should not be content with one’s own prosperity only, but should consider the prosperity of all as his own prosperity.
10. All human beings should subject themselves in abiding by the rules of social interest and should be free to follow every rule which is beneficial for all.
आर्यसमाज के दस नियम ( ARYA SAMAJ KE DAS NIYAM) THE TEN PRINCIPLES OF ARYA SAMAJ
१. सब सत्यिध्या और जो पदार्थ विध्या से जाने जाते हैं, उन सबका आदिमूल परमेश्वर है ।
SAB SATYAVIDYAA AUR JO PADARTHA VIDYA SE JAANE JAATE HAI UN SAB KAA AADIMOOL PARAMESHWAR HAI
२. ईश्वर सच्चिदानंदस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनन्त, निर्विकार, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर, सर्वव्यापक, चर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य, पवित्र और सृष्टिकर्ता है, उसी की उपासना करनी योग्य है । ISHWAR SACH-CHIDAANAND SWAROOP, NIRAAKAAR, SARVASHAKTIMAAN, NYAAYAKAARI, DAYAALOO, AJANMAA, ANANT, NIRVIKAAR, ANAADI, ANUPAM, SARVADHAAR, SARVESHWAR, SARVAVYAAPAK, SARVAANTARYAAMEE, AJAR, AMAR, ABHAYA, NITYA, PAVITRA AUR SHRISTI KARTAA HAI USEE KEE UPAASANAA KARNEE YOGYA HAI
३. वेद सब सत्यविध्याओं का पुस्तक है । वेद का पढ़ाना - पढ़ाना और सुनना - सुनाना सब आर्यो का परम धर्म है ।
VED SAB SATYAVIDYAAO KAA PUSTAK HAI. VED KAA PARDHANAA- PARDHAANAA AUR SUNNAA-SUNAANAA SAB AARYO KA PARAM DHARM HAI.
४. सत्य के ग्रहण करने और उसत्य के छोड़ने में सर्वदा उद्यत् रहना चाहिएँ ।
SATYA KE GRAHAN KARNE AUR ASATYA CHHORNE SARVADAA UDYAT RAHANAA CHAAHIYE.
५. सब काम धर्मानुसार, अर्थात् सत्य और असत्य को विचार करके करने चाहिएँ ।
SAB KAAM DHARMANUSAAR ARTHAAT SATYA AUR ASATYA KO VICHAAR KARKE KARNE CHAAHIYE.
६. सँसार का उपकार करना इस समाज का मुख्य उद्धेश्य है, अर्थात् शारीरिक्, आत्मिक और सामाजिक् उन्नति करना ।SANSAAR KAA UPKAAR KARNAA ESA SAMAAJ KAA MUKHAYA UDHESYA HAI ATHAART SHAAREEKRIK, AATMIK AUR SAAMAAJIK UNNATI KARNAA.
७. सबसे प्रीतिपूर्वक, धर्मानुसार यथायोग्य वर्तना चाहिए ।
SAB SE PRITIPOORVAK DHARMANUSAAR YATHAYOGYA VARTANA CHAAHIYE
८. अविध्या का नाश विध्या कि दृध्दि करनी चाहिए ।
AVIDYAA KAA NAASH AUR VIDYAA KEE VRIDDHI KARNE CHAAHIYE
९. प्रत्येक को अपनी ही उन्नति से सन्तुष्ट न रहना चाहिए, किन्तु सब की उन्नती सें अपनी उन्नति समझनी चाहिए ।
PRAYEK KO APNEE HEE UNNATI SE SANTUSHT NA RAHANAA CHAAHIYE KINTU SAB KEE UNNATEE ME APNEE UNNATI SAMAJHNEE CHAAHIYE
१०. सब मनुष्यों को सामाजिक, सर्वाहितकारी, नियम पालने में परतन्त्र रहना चाहिए आर प्रत्येक हितकारी नियम पालने सब स्वतंत्र रहें ।
SAB MANUSHYO KO SAAMAAJIK SARVAHITAKAAREE NIYAM PAALNE ME PARTANTRA RAHANAA CHAAHIYE AUR PRATYEK HITKAAREE NIYAM PAALNE SAB SWANTANTRA RAHE.
Mahavyahruties
* * * Havan * * *
11:00 to 12:30
Arti, Prashad
* ** Sandhya: Bhajans * *
12:30 to 1:00
Teaching Hindi and Cultural
for youngsters
Upnishad Discussion for all others
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